प्याज का बीज कैसे तैयार करें//pyaj ka bij kaise taiyar kare


खेत को तैयार करना

pyaj ka bij kaise taiyar kare//How to make onion seed // pyaj ka bij kaise taiyar kare
Onion seed


सबसे पहला और महत्वपूर्ण कार्य रहता हे की खेत को सही तरीके से तैयार करना । खेत को नवम्बर माह में दो बार अच्छे से जुताई कराये ।उसमे गोबर की खाद् डाले और एक बात का ध्यान रखे जिस खेत ने बीज तैयार करना हे उसमे पहले कोई कद फसल लहसुन प्याज़ नही बोया हो।आप खेत को दो तरीकों से तैयार कर सकते हो एक क्यारी बना कर दूसरा हरिये बना कर जैसे लहसुन के लिए तैयार करते है । खेत समतल और पानी के निकास पूरी तरह से होना चाहिये ।

बीज बोने का समय


 novmber और दिसम्बर लास्ट तक बुआई कर सकते है।बीज बौने के लिए हमें छोटी छोटी प्याज़ बाजार से या घर की प्याज़ में से अलग निकालनी पड़ेगी प्याज़ की साइज़ 1 इंच या डेढ इंच से ज्यादा नही होनी चाहिए । मतलब सबसे छोटी साइज़ को अलग करना है। उसके बाद छंटाई की गयी प्याज़ में से दो मुहँ वाली प्याज़ अलग निकाल देना हे।उसके बाद प्याज़ का ऊपरी सिरा 25%काट देना हे और यदि आप क़्वाल्टी वाला बीज बनाना हे तो आपको थोड़ी मेहनत और करना पड़ेगी आपको छाटी गयी प्याज़ से एक कलर की प्याज़ अलग निकलना है। एक बीघे के लिए अनुमानित प्याज़ 50 से 70 किलो तक चाहिए।

बोने के लिए बीज बनाना

बौने का तरीका
बीज तैयार करने के बाद आपको उसको बड़ी सावधानी के साथ खेत में चोपना होता हे जैसे लहसुन चोपते है आपको पौधे से पौधे की दूरी में 4 से 5 इंच की दूरी अवश्य रखे क्यों की इसमे डंकल फूटते है और जीतने ज्यादा फूटेंगे उतना ज्यादा उत्पादन होगा

सिचाई करना
बोने के बाद आपको तुरन्त हलकी सिंचाई करना है।और एक बात का हमेशा ध्यान रखना हे की पानी का बहाव से प्याज़ की मिट्टी न हटे।ठण्ड के दिनों में 10 से 15 दिनों में सिंचाई करे और ज्यादा गर्मी हो तो 8 से 10 दिन में सिंचाई जरूरी होती है।

रोगों से सावधानी
इसमे जो रोग आते हे वो हे थिप्स,शीर्ष छेदक हेलिओथिस आर्मिजेरा,बैंगनी धब्बा परपल ब्लाच,मृदुरोमिल फफँदी डाउनी मिल्डयूस्टेमफिलियम ब्लाइट इन रोगों के आने पर समय समय पर दवाई का प्रयोग करना चाहिये।

खुदाई निदाई
निदाई गड़ाई करते वक्त अवांछनीय पोधो को निकाल ले और हलकी निदाई करवाये क्यों की इसके पोधो की जड़े कम गहरी जाती है जिससे पोधों को नुक्सान हो सकता है।

कटाई एवं बीज निकलना
बुआई के ढाई महीने के बाद ही फूल वाले डंठल बनने लगते है।पुष्पों का गुच्छा बनने के 6 सप्ताह के बाद ही बीज पकना स्टार्ट हो जाते है एक गुच्छे में से 10 से 15 बीज बहार निकलने लगते हे तो बीज पक गए है।तो उन्हें डंठल से ऊपर के पुष्प गुच्छे को काट लेना चाहिए काटते समय पुष्पों पर मधुमखियां और ततैया बेटे रहते है उनसे बच के काटने है ।यदि मधुमक्खी या जहरीले जीव जंतु काट ले तो ये उपाय करे । clik कर के पढ़े पुष्प गुच्छओ को काट के फर्श या तिरपाल पर छायादार जगह पर सुखाना चाहिए। अच्छी तरह सूख ने के बाद उन्हें कूट के या मसल के काले रंग के बीजो को निकाल के साफ़ कर ले ।

बीज का भंडारण
साफ़ किये गए बीजो को पूण रूप से सूख ने के बाद प्लास्टिक की पॉलीथिन में भर के नमी वाले स्थान से दूर रखना चाहिए अच्छी तरह से तैयार किये गए बीज एक बीघा में 100kg से 200kg तक उत्पादन हो जाता है

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