Best Motivational Story Hindi

 ये कहानियाँ आपको सफल बना सकती है।।

 6 Best MotivationalStory Hindi

मोटिवेशनल स्टोरी/motivationl story


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 दोस्तो कभी आपके मन में यह सवाल तो आया होगा कि आखिर क्यों पढ़े motivation story,motivation quotes, तो दोस्तो आपको बता दे की मोटीवेशन कहानी और कविता, कोट्स इसलिए पढ़ते है। ताकि हम Motivational sotry पढ़ने से  हमे दुसरो की गलतियों का पता चलता है ताकि हम गलती ना करे इसलिए ज्यादा से ज्यादा  motivational story  को पढ़िए।

दोस्तों नमस्कार आप सभी का स्वागत है
आज मैं आपको एक ऐसी motivational stories बता रहा हु जिसे पढ़ने के बाद 

आपकी ऊर्जा पहले जैसी नही रहेगी तो चलिए
बिना आपका समय गवाये motivational story को शुरू करते है।


           "छोटी छोटी बातें बड़ा फ़र्क डालती है"

एक आदमी सुबह को समुद्र के किनारे टहल रहा था। उसने देखा की लहरों के साथ सैकड़ों  मछलियां तट पर आ जाती है। जब लहरें पीछे जाते हैं, तो मछलियां किनारे पर ही रह जाते हैं और  तड़प तड़प कर मर जाते हैं , उसी समय लौटती थी उस टाइम उसने अभी तक जीवित है वह आदमी कुछ कदम आगे बढ़ा एक मछली उठाई ओर पानी फेंक दिया, बार-बार वह आदमी  ऐसा करता रहा, उसके के पीछे एक और आदमी था , जो यह देख रहा था। कि मैं क्या कर रहा हूं, वह मेरे पास आया और पूछने लगा  तुम क्या कर रहे हो? यहां तो सैकड़ों मछलियां है। तुम कितनों को बचाओगे? तुम्हारे ऐसा करने से क्या फर्क पड़ेगा? उस आदमी ने कोई जवाब नहीं दिया, दो कदम आगे बढ़कर उसने एक मछली को उठाया और पानी में फेकते हुए कहा कि इस एक मछली को तो फर्क पड़ता है।।

     " क्या आपका जीवन बचाने लायक है?"

एक लड़का नदी में डूब रहा था मदद के लिए चिल्लाया एक आदमी जो उधर से गुजर रहा था,नदी में कूद पड़ा और उसने लड़के को बचा लिया। जब वह आदमी जाने लगा तो बच्चे ने कहा कि' धन्यवाद' उस आदमी ने पूछा किस लिए लड़के ने जवाब दिया कि मेरी जान बचाने के लिए , उस आदमी ने लड़के की आंखों में देखा और कहा बेटा जब तू बड़ा हो जाए तो इस बात को साबित करना है कि तुम्हारी जिंदगी बचाने लायक थी,,

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                 " मिदास का स्पर्श"

जो चाहा,वह मिला
  जब हमारे जीवन मूल्य स्पष्ट ना हो, तब हमारी इच्छाओं का पूरा होना ज्यादा दुखदाई हो सकता है। राजा में दास की कहानी के ही बताती है।

          हम सभी लालची मिदास  की कहानी जानते हैं। उसके पास सोने की कमी नहीं थी, लेकिन सोना जितना बढ़ता वह अधिक सोना चाहता। उसने सोने को खजाने में जमा कर लिया था और हर रोज उसे गिना करता था। एक दिन जब वह सोना गिन रहा था, तो एक अजनबी कहीं से आया और बोला तुम मुझे ऐसा कोई भी वरदान मांग सकते हो, जो तुम्हें दुनिया में सबसे ज्यादा खुशी दे।"राजा खुश हुआ, और उसने कहा," मैं चाहता हूं कि जिस चीज को मैं स्पर्श करू तो वह  सोना बन जाए।"अजनबी ने राजा से पूछा," क्या तुम सचमुच यही चाहते हो?"राजा ने कहा, "हां", तो अजनबी बोला, "कल सूरज की पहली किरण के साथ ही तुम्हें किसी चीज को छूकर सोना बना देने की ताकत मिल जाएगी।"
       राजा ने सोचा कि वह सपना देख रहा होगा, यह सच नहीं हो सकता। लेकिन अगले दिन जब राजा नींद से उठा तो, उसने अपना पलंग छुआ और वह पलंग सोना बन गया। वह वरदान सच था ।राजा ने जिस चीज को छुआ वह सोना बन गई। उसने खिड़की के बाहर देखा और अपने नन्ही बच्ची को खेलते पाया। उसने अपनी बिटिया को यह अजूबा दिखाना चाहा, और सोचा कि वह खुश होगी। लेकिन बगीचे में जाने से पहले उसमें एक किताब पढ़ने की सोची। उसने जैसे ही उसे छुआ, वह सोने की बन गई। वह किताब को पढ़ ना सिखा। फिर वह नाश्ता करने बैठा, जैसे ही उसने फलों और पानी के गिलास को छुआ, वह भी सोने के बन गए। उसकी भूख बढ़ने लगी, और वह दुख से बोला, "मैं सोने को खा और पी नहीं सकता।" ठीक उसी समय उसकी बेटी दौड़ती हुई वहां आई, और उसने उससे बाहों में भर लिया। वह सोने की मूर्ति बन गई। अब राजा के चेहरे से खुशी गायब हो गई।
    

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     राजा सिर पकड़ कर रोने लगा। वह वरदान देने वाला अजनबी फिर से आया,और उसने राजा से पूछा की क्या वह हर चीज को सोना बना देने की अपनी ताकत से खुश है? राजा ने बताया कि वह दुनिया का सबसे दुखी इंसान हैं। राजा ने उसे सारी बात बताई अजनबी ने पूछा, "अब तुम क्या पसंद करोगे, अपना भोजन और प्यारी बिटिया, या सोने के ढेर और बिटिया की सोने की मूर्ति।" राजा ने गिड़गिड़ाकर  माफी मांगी और कहा, "मैं अपना सारा सोना छोड़ दूंगा, मेहरबानी करके मेरी बेटी मुझे लौटा दो, क्योंकि उसके बिना मेरी हर चीज मूल्यहीन हो गई है। अजनबी ने राजा से कहा, " तुम पहले से बुद्धिमान हो गए हो।"और उसने अपने वरदान को वापस ले लिया। राजा को अपनी बेटी फिर से मिल गई और उसे एक ऐसी सीख मिली जिससे वह जिंदगी भर नहीं भूल सका।

इस कहानी से में शिक्षा मिलती है कि:-
1. घटिया विकृत जीवन मूल्यों से दुखी मिलता है
2. हम हमारे नियम बदल सकते हैं लेकिन प्रकृति के नियमों को हम नहीं बदल सकते।

               "सादगी और विनम्रता"


बहुत साल पहले एक घुड़सवार ने कुछ सैनिकों को देखा, जो एक लकड़ी का गट्ठा उठाने की असफल कोशिश करते थे। उस समय उनका नायक भी वहीं खड़ा था।घुड़सवार ने नायक से पूछे कि वह उनकी मदद क्यों नहीं करता। नायक ने जवाब दिया, "मै इनका नायक हूं और मेरा काम इसको आदेश देना है।" घुड़सवार अपने घोड़े से नीचे उतर कर उन सैनिकों के पास गया और उसने उस गट्ठे को उठाने में मदद की । उसकी मदद से वह गट्ठा उठा दिया गया। घुड़सवार चुपचाप अपने घोड़े पर सवार हो गया, और उस नायक से बोला, " अगली बार जब तुम्हारी आदमियों को सहायता की जरूरत पड़े, तो तुम अपने commander-in-chief को बुलवा लेना। " जब कि वह घुड़सवार और कोई नहीं बल्कि जॉर्ज वाशिंगटन थे।

शिक्षा:- विनम्र बने रहे। विनम्रता के बिना आत्मविश्वास अहंकार बन जाता है ।
    

                    "विश्वसनीयता"


उस चरवाहे लड़के की कहानी हम सभी जानते है, जो ' भेड़िया आया, भेड़िया आया' चिल्लाया था । उस लड़के ने गांव वालो को परेशान करके मज़ा लेने की सोची और वह चिल्लाया, बचाओ, बचाओ, भेड़िया आया।" गांव वालो ने उसकी  आवाज सुनी और उसकी बचाने के लिए दौड़े। लेकिन जब वे वहां पर पहुंचे तो देखा वह कोई भेड़िया नहीं था और वह बच्चा उन पर हसने लगा। वे सब चले गए। अगले दिन फिर लड़के ने चाल चली। गांव वाले फिर मदद के लिए दौड़े।
   एक दिन वह लड़का जब भेड़ों को चरा रहा था, तो उसने सचमुच एक भेड़िया देखा, और मदद के लिए चिल्लाया। गांव वालों ने उस लड़के की आवाज़ तो सुनी, मगर उसकी मदद के लिए कोई भी नहीं गया। उन्होंने सोचा कि लड़का फिर से वही चाल खेल रहा है। उन लोगो ने उस पर यकीन नहीं किया। नतीजा के तौर पर उसकी भेडे खाई गई, और उसका नुकसान हो गया।

शिक्षा:- जब लोग झूठ बोलते हैं तो अपनी विश्वसनीयता खो देते हैं।

                  "एक सेर मक्खन"

एक किसान एक बेकर को रोज एक सेर मक्खन बेचा करता था। एक दिन बेकर ने यह परखने के लिए मक्खन एक सेर है या नहीं, उसे तोला और पाया कि मक्खन कम था। इस बात से वह गुस्सा हो गया और किसान को अदालत में ले गया। जज ने किसान से पूछा कि उसने तोलने के लिए किस बात का इस्तेमाल किया था? किसान ने जवाब दिया, "हुजूर, मै अज्ञानी हूं। मेरे पास तौलने के लिए कोई सही बाट नहीं है,लेकिन मेरे पास एक तराजू है।" जज ने पूछा तो तुम मक्खन को कैसे तोलते हो? किसान ने जवाब दिया, " इसने मक्खन तो मुझसे अब खरीदना शुरू किया, मै तो बहुत पहले से इससे एक सेर ब्रेड खरीद रहा हूं। रोज सुबह जब बेकर ब्रेड लाता है तो मै ब्रेड को बाट बना कर बराबर का मक्खन तोल कर दे देता हूं। अगर इसमें किसी का दोष है तो वह बेकर का! जिंदगी में हमें वहीं वापस मिलता है जो हम दूसरों को देते है।

शिक्षा:- जैसे को तैसा

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